उत्तराखंड ऑल वेदर रोड को लेकर जमकर सियासत हो रही। बीजेपी जहां इस सड़क को उसके लिए गेम चेंजर का दावा कर रही है, वहीं, कांग्रेस सड़क की दुर्दशा पर सवाल खड़े कर रही।

ऑल वेदर रोड को लेकर इतनी सियासत क्यों हो रही?

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तराखंड में टनकपुर-पिथौरागढ़ ऑल वेदर रोड सियासत का केंद्र बन गई है।

कुमाऊं की 6 विधानसभा सीटों के लिए बीजेपी जहां इस सड़क को उसके लिए गेम चेंजर का दावा कर रही है, वहीं, कांग्रेस ऑल वेदर सड़क की दुर्दशा पर सवाल खड़े करते हुए सत्ताधारी पार्टी के दावे की हवा निकालने में जुटी है। दरअसल 150 किलोमीटर लंबी इस रोड को बनाने में 1200 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। बीजेपी का कहना है कि ऑल वेदर रोड बनने से जहां चंपावत और पिथौरागढ़ की राह आसान हुई है। दोनों जिलों में पर्यटन कारोबार भी परवान चढ़ेगा। साथ ही पार्टी का दावा है कि ऑलवेदर सड़क का फायदा लोगों को मिलने से चुनाव में बीजेपी की राह आसान होगी।

कांग्रेस ऑल वेदर रोड की बिल्ड क्वालिटी को लेकर सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस का आरोप है कि ऑल वेदर रोड पूरी तरह मलबे से पटी हुई है। जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 150 किलोमीटर लंबी इस सड़क पर जगह-जगह पहाड़ दरक रहे हैं, जिससे यात्रियों की जान पर भी खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में ऑल वेदर रोड का फायदा मिलने के बजाय भाजपा को इसकी कीमत चुनाव में चुकानी पड़ेगी।

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