तीरथ रावत का कहना है कि चारधाम यात्रा में आ रहे यात्रियों को हरिद्वार और ऋषिकेश में रोकने का कोई औचित्य नहीं है।
चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालु बड़ी तादाद में उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। कोविड के बाद ये पहली बार है जब पूरी तरह से चारधाम यात्रा पर श्रद्धालु आ रहे। ऐसे में इस बार बड़ी तादाद में लोग दर्शन के लिए आ रहे हैं। इस वक्त यात्रा पूरे हुजूम पर है। भीड़ ज्यादा होने की वजह से सरकार ने बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं को हरिद्वार और ऋषिकेश में रोकने का फैसला किया। इसी को लेकर पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने सरकार को सुझाव दिया है। तीरथ रावत का कहना है कि चारधाम यात्रा में आ रहे यात्रियों को हरिद्वार और ऋषिकेश में रोकने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति अपने घर से यात्रा के लिए निकल पड़ा हो तो फिर उसे यात्रा में जाने के लिए नहीं रोका जाना चाहिए।
पूर्व सीएम का कहना है कि इससे पहले भी लोग चारधाम यात्रा पर आया करते थे, पहले के समय में यह भाव हुआ करता था कि बदरीनाथ और केदारनाथ से वापस लौटेंगे या नहीं। ऐसे में आज हम सोनप्रयाग और गौरीकुंड तक पहुंच चुके तीर्थयात्री को वापस कैसे लौटा सकते हैं। चारधाम यात्रा में तीर्थयात्री देशभर के कोने-कोने से आते हैं, ऐसे में उसकी भावना को देखते हुए उसे दर्शनों के लिए रोकना उचित नहीं है। तीरथ रावत ने कहा कि जो कुछ होना होगा, वो तो भगवान के हाथों में है। उन्होंने कहा कि जगह-जगह चेकिंग के नाम पर श्रद्धालुओं को एक-एक हफ्ते तक रोका जाना कदापि ठीक नहीं है। चारधाम में आया श्रद्धालु अपनी मर्जी से कहीं भी रुक सकता है। उन्होंने सचिव और जिलाधिकारियों को भी यह सुझाव दिए कि तीर्थ यात्रियों को रोकने की बजाय आगे जाने दिया जाए।