उत्तराखंड के विकासनगर में चालदा महाराज खत बणगांव के घणता गांव में नए मंदिर में विराजमान हो गए हैं।
घणता में निर्मित नए मंदिर में गुरुवार को पूरे विधि-विधान के साथ महाराज को स्थापित किया गया। इस मौके पर देव दर्शन को घणता गांव में भरी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
मौसम खराब होने पर भी श्रद्धालुओं की काफी भीड़ लगी रही। खत बणगांव के घणता गांव में गुरुवार को हर तरफ आस्था का सैलाब उमड़ता दिखाई दिया। हर किसी के चेहरे पर अपने ईष्ट देवता के नजदीक से दर्शन करने की प्रबल जिज्ञासा साफ झलक रही थी।
चालदा देवता कोटा तपलाड से चार साल का प्रवास खत्म कर खत बणगांव के घणता मंदिर के लिए रवाना हुए और जैसे ही चालदा महाराज देवता की पालकी प्रवास के लिए घणता गांव पहुंची तो लोग अपने देवता से आशीर्वाद लेने को उमड़ पड़े। जयकारों के साथ चालदा महाराज देवता की पालकी ने नवनिर्मित घणता मंदिर में प्रवेश किया। देवदर्शन को श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। पूरे विधि-विधान से देवता को नए मंदिर में प्रवेश कराया गया।
खत बणगांव के घणता गांव के ग्रामीणों के लिए गुरुवार का दिन सबसे बड़ी खुशी लेकर आया। खत पंजगाव, लखवाड़, फरटाड, कोटा तपलाड सिली गोथान, कोटा तपलाड, उत्पालटा, समाल्टा, उपलगांव, कोरु, बहलाड, शैली, सिलगांव, बमटाड अंठगाव चन्दोऊ समेत 18 खत के श्रद्धालुओं की मौजूदगी में देवता प्रवास के लिए यहां पहुंचे।
जौनसार बावर में चालदा महाराज में श्रद्धालुओं की विशेष आस्था है। बुधवार को खत बणगांव के 14 गांवों के करीब तीन सौ लोग महाराज को लेने के लिए कोटा तपलाड गांव गए थे। गुरुवार सुबह कोटा तपलाड मंदिर से चालदा महाराज की पालकी बाहर लाई गई। कोटा तपलाड मंदिर परिसर में भरी संख्या में श्रद्धालुओं ने देव दर्शन किए।