अंकिता अपने मां-बाप के लिए एक सपनों का आशियाना बनाना चाहती थी। उसकी चाहत थी की गांव में वो अपने परिवार के लिए दो कमरों का एक छोटा सा घर बनाए।

अंकिता का वो सपना अधूरा रह गया जो वो अपने माता-पिता के लिए पूरा करना चाहती थी

अंकिता अपने मां-बाप के लिए एक सपनों का आशियाना बनाना चाहती थी। उसकी चाहत थी की गांव में वो अपने परिवार के लिए दो कमरों का एक छोटा सा घर बनाए।

अंकिता भंडारी अब इस दुनिया में नहीं है। उसकी निर्मम हत्या के बाद पूरे प्रदेश में गुस्सा है। लोग दोषियों के लिए सख्त सज़ा की मांग कर रहे हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी आश्वासान दिया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। फिलहाल मामले की जांच जारी है। जांच पूरी होने के बाद दोषियों को कड़ी सज़ा मिलेगी। अंकिता भंडारी भले ही अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन हर कोई उसी की बातें कर रहा। कैसे एक होनहार लड़की जिसकी ज़िंदगी अपने माता-पिता के लिए समर्पित थी। उनके सपनों को पूरा करने के लिए वो बहुत मेहनत कर रही थी, लेकिन उसकी जिंदगी खत्म होने के साथ ही उसने सपने भी टूट गए जो उसने अपने मां-बाप के लिए देखा था।

अंकिता अपने मां-बाप के लिए एक सपनों का आशियाना बनाना चाहती थी। उसकी चाहत थी की गांव में वो अपने परिवार के लिए दो कमरों का एक छोटा सा घर बनाए। पैतृक घर में अंकिता रहती थी, वो घर मिट्टी का बना है, जो कि उसके दादा-परदादा के जमाने का है। खेती बाड़ी और दूध बेचकर घर की आजीविका चलाने वाले भंडारी दंपति के लिए घर बनाना किसी चुनौती से कम नहीं है। अपने माता-पिता के लिए बस एक घर बनाना चाहती थी। होनहार अंकिता के लिए ये बहुत बड़ा काम नहीं था। 88 फीसदी नंबरों से इंटरमीडिएट करने के बाद अंकिता ने देहरादून से होटल मैनेजमेंट का कोर्स  किया था। इसके बाद वह वनंत्रा रिजॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम कर रही थी। अंकिता ने कुछ पैसे जमा भी किए थे और वो जल्द ही घर का काम भी शुरू करवाने वाली थी, लेकिन तकदीर को कुछ और ही मंज़ूर था।

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