उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विभाजन विभीषिका के दौरान 20वीं सदी का सबसे बड़ा नरसंहार हुआ था।
सीएम धामी ने रूद्रपुर के जेसीज पब्लिक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में कहा विभाजन के दौरान कई परिवारों ने अपनी जान हथेली में लेते हुए रेलगाड़ी, बैलगाड़ी एवं अन्य माध्यमों से पलायन किया। उन्होंने कहा विभाजन विभीषिका में लंबे संघर्ष के बावजूद लोगों ने अपने वर्चस्व को बचाया एवं समाज के विकास में अहम योगदान दिया।
उन्होंने कहा कि इस विभीषिका की पीड़ा सह चुके लोगों ने उत्तराखण्ड के तराई क्षेत्र को बसाने में अहम योगदान दिया। आज भी ये लोग उत्तराखंड के विकास में अपना अहम योगदान दे रहे हैं। उन्होंने इस मौके पर लगभग 400 विभाजन विभीषिका सेनानियों को सम्मानित भी किया और कहा कि आप सभी को सम्मानित करते हुए वह स्वयं को सम्मानित महसूस कर रहे हैं।
कार्यक्रम में विभाजन विभीषिका के दौरान प्राणों की आहूति देने वाले लोगों का पूरे विधि-विधान से तर्पण भी किया गया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में प्रत्येक वर्ष विभाजन विभीषिका दिवस आयोजित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले से विभाजन विभीषिका दिवस मनाए जाने की घोषणा की थी।
साथ ही सभी मुख्यमंत्रियों को विभाजन विभीषिका दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम किए जाने एवं विभाजन के दौरान मौजूद लोगों से बात किए जाने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं और जल्द ही हम अमृत काल में प्रवेश करेंगे। यह भारत का स्वर्णिम काल होगा।
उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने भी यह संकल्प लिया है कि जब हमारा राज्य 25वें साल में प्रवेश करेगा, तब हमारा प्रदेश देश का श्रेष्ठ राज्य होगा। इसके लिए हम सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के मंत्र पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि काठगोदाम एवं रुद्रपुर से अमृतसर के लिए सीधे ट्रेन सेवा शुरू हो।